Deutsch 23-Jesaja 014(Schl2000)
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Listen
1 | Jesaja 14,1 | Denn der HERR wird sich über Jakob erbarmen und Israel wieder erwählen und sie zur Ruhe bringen in ihrem Land. Und der Fremdling wird sich ihnen anschließen, und sie werden dem Haus Jakobs anhängen. | ---- der ---- ---- sich ----- ----- erbarmen --- ------ wieder --------- --- sie --- ---- bringen -- ----- Land. --- --- Fremdling ---- ---- ihnen ------------- --- sie ------ --- Haus ------ ---------- | ---- --- HERR ---- ---- ----- ----- erbarmen --- ------ ------ --------- und --- --- ---- ------- in ----- ----- --- --- Fremdling ---- ---- ----- ------------- und --- ------ --- ---- Jakobs ---------- | Jesaja 14,1 |
2 | Jesaja 14,2 | Und die Völker werden sich ihrer annehmen und sie an ihren Ort bringen; und das Haus Israel wird sie im Land des HERRN als Knechte und Mägde zum Erbbesitz erhalten; so werden sie die gefangennehmen, deren Gefangene sie gewesen sind, und diejenigen beherrschen, die einst sie bedrängten. | --- die ------- ------ sich ----- -------- und --- -- ihren --- -------- und --- ---- Israel ---- --- im ---- --- HERRN --- ------- und ------ --- Erbbesitz --------- -- werden --- --- gefangennehmen, ----- --------- sie ------- ----- und ---------- ------------ die ----- --- bedrängten. | --- --- Völker ------ ---- ----- -------- und --- -- ----- --- bringen; --- --- ---- ------ wird --- -- ---- --- HERRN --- ------- --- ------ zum --------- --------- -- ------ sie --- --------------- ----- --------- sie ------- ----- --- ---------- beherrschen, --- ----- --- ------------ | Jesaja 14,2 |
3 | Jesaja 14,3 | Und es wird geschehen, an dem Tag, an dem der HERR dir Ruhe verschafft von deiner Qual und Unruhe und von dem harten Dienst, der dir auferlegt war, | --- es ---- ---------- an --- ---- an --- --- HERR --- ---- verschafft --- ------ Qual --- ------ und --- --- harten ------- --- dir --------- ---- | --- -- wird ---------- -- --- ---- an --- --- ---- --- Ruhe ---------- --- ------ ---- und ------ --- --- --- harten ------- --- --- --------- war, | Jesaja 14,3 |
4 | Jesaja 14,4 | da wirst du dieses Spottlied auf den König von Babel anstimmen und sagen: »Wie hat der Treiber ein Ende genommen, wie hat die Erpressung aufgehört! | -- wirst -- ------ Spottlied --- --- König --- ----- anstimmen --- ------ »Wie --- --- Treiber --- ---- genommen, --- --- die ---------- ----------- | -- ----- du ------ --------- --- --- König --- ----- --------- --- sagen: ----- --- --- ------- ein ---- --------- --- --- die ---------- ----------- | Jesaja 14,4 |
5 | Jesaja 14,5 | Der HERR hat den Stab der Gesetzlosen zerbrochen, den Herrscherstab der Tyrannen, | --- HERR --- --- Stab --- ----------- zerbrochen, --- ------------- der --------- | --- ---- hat --- ---- --- ----------- zerbrochen, --- ------------- --- --------- | Jesaja 14,5 |
6 | Jesaja 14,6 | der die Völker im Grimm schlug mit unaufhörlichen Schlägen, der im Zorn Nationen niedertrat mit schonungsloser Verfolgung. | --- die ------- -- Grimm ------ --- unaufhörlichen ---------- --- im ---- -------- niedertrat --- -------------- Verfolgung. | --- --- Völker -- ----- ------ --- unaufhörlichen ---------- --- -- ---- Nationen ---------- --- -------------- ----------- | Jesaja 14,6 |
7 | Jesaja 14,7 | Jetzt ruht die ganze Erde und ist still; man bricht in Jubel aus. | ----- ruht --- ----- Erde --- --- still; --- ------ in ----- ---- | ----- ---- die ----- ---- --- --- still; --- ------ -- ----- aus. | Jesaja 14,7 |
8 | Jesaja 14,8 | Selbst die Zypressen freuen sich über dich, und die Zedern des Libanon, [sie sagen]: Seitdem du darniederliegst, kommt kein Holzfäller mehr zu uns herauf! | ------ die --------- ------ sich ----- ----- und --- ------ des -------- ---- sagen]: ------- -- darniederliegst, ----- ---- Holzfäller ---- -- uns ------- | ------ --- Zypressen ------ ---- ----- ----- und --- ------ --- -------- [sie ------- ------- -- ---------------- kommt ---- ----------- ---- -- uns ------- | Jesaja 14,8 |
9 | Jesaja 14,9 | Das Totenreich drunten gerät in Aufregung wegen dir, in Erwartung deines Kommens; er stört deinetwegen die Schatten auf, alle Anführer der Erde; er lässt von ihren Thronen aufstehen alle Könige der Heidenvölker. | --- Totenreich ------- ------ in --------- ----- dir, -- --------- deines -------- -- stört ----------- --- Schatten ---- ---- Anführer --- ----- er ------ --- ihren ------- --------- alle ------- --- Heidenvölker. | --- ---------- drunten ------ -- --------- ----- dir, -- --------- ------ -------- er ------ ----------- --- -------- auf, ---- --------- --- ----- er ------ --- ----- ------- aufstehen ---- ------- --- -------------- | Jesaja 14,9 |
10 | Jesaja 14,10 | Sie alle ergreifen das Wort und sprechen zu dir: Auch du bist kraftlos geworden wie wir, bist uns gleich geworden! | --- alle --------- --- Wort --- -------- zu ---- ---- du ---- -------- geworden --- ---- bist --- ------ geworden! | --- ---- ergreifen --- ---- --- -------- zu ---- ---- -- ---- kraftlos -------- --- ---- ---- uns ------ --------- | Jesaja 14,10 |
11 | Jesaja 14,11 | Ins Totenreich hinabgestürzt ist deine Pracht, das Rauschen deiner Harfen; Maden werden dein Lager sein und Würmer deine Decke. | --- Totenreich -------------- --- deine ------- --- Rauschen ------ ------- Maden ------ ---- Lager ---- --- Würmer ----- ------ | --- ---------- hinabgestürzt --- ----- ------- --- Rauschen ------ ------- ----- ------ dein ----- ---- --- ------- deine ------ | Jesaja 14,11 |
12 | Jesaja 14,12 | Wie bist du vom Himmel herabgefallen, du Glanzstern, Sohn der Morgenröte! Wie bist du zu Boden geschmettert, du öœberwältiger der Nationen! | --- bist -- --- Himmel -------------- -- Glanzstern, ---- --- Morgenröte! --- ---- du -- ----- geschmettert, -- ---------------- der --------- | --- ---- du --- ------ -------------- -- Glanzstern, ---- --- ------------ --- bist -- -- ----- ------------- du ---------------- --- --------- | Jesaja 14,12 |
13 | Jesaja 14,13 | Und doch hattest du dir in deinem Herzen vorgenommen: ›Ich will zum Himmel emporsteigen und meinen Thron über die Sterne Gottes erhöhen und mich niederlassen auf dem Versammlungsberg im äußersten Norden; | --- doch ------- -- dir -- ------ Herzen ------------ ---------- will --- ------ emporsteigen --- ------ Thron ----- --- Sterne ------ -------- und ---- ------------ auf --- ---------------- im ----------- ------- | --- ---- hattest -- --- -- ------ Herzen ------------ ---------- ---- --- Himmel ------------ --- ------ ----- über --- ------ ------ -------- und ---- ------------ --- --- Versammlungsberg -- ----------- ------- | Jesaja 14,13 |
14 | Jesaja 14,14 | ich will emporfahren auf Wolkenhöhen, dem Allerhöchsten mich gleich machen!‹ | --- will ----------- --- Wolkenhöhen, --- -------------- mich ------ -------------- | --- ---- emporfahren --- ------------- --- -------------- mich ------ -------------- | Jesaja 14,14 |
15 | Jesaja 14,15 | Doch ins Totenreich bist du hinabgestürzt, in die tiefste Grube! | ---- ins ---------- ---- du --------------- -- die ------- ------ | ---- --- Totenreich ---- -- --------------- -- die ------- ------ | Jesaja 14,15 |
16 | Jesaja 14,16 | Die dich sehen, schauen dich verwundert an, sie betrachten dich [und sagen]: ›Ist das der Mann, der die Erde erzittern ließ, der Königreiche erschütterte; | --- dich ------ ------- dich ---------- --- sie ---------- ---- [und ------- ---------- das --- ----- der --- ---- erzittern ------ --- Königreiche -------------- | --- ---- sehen, ------- ---- ---------- --- sie ---------- ---- ---- ------- ›Ist --- --- ----- --- die ---- --------- ------ --- Königreiche -------------- | Jesaja 14,16 |
17 | Jesaja 14,17 | der den Erdkreis zur Wüste machte und seine Städte niederriss; der seine Gefangenen nicht nach Hause entließ?‹ | --- den -------- --- Wüste ------ --- seine ------- ----------- der ----- ---------- nicht ---- ----- entließ?‹ | --- --- Erdkreis --- ------ ------ --- seine ------- ----------- --- ----- Gefangenen ----- ---- ----- ---------------- | Jesaja 14,17 |
18 | Jesaja 14,18 | Alle Könige der Völker, sie ruhen in Ehren, jeder in seinem Haus; | ---- Könige --- -------- sie ----- -- Ehren, ----- -- seinem ----- | ---- ------- der -------- --- ----- -- Ehren, ----- -- ------ ----- | Jesaja 14,18 |
19 | Jesaja 14,19 | du aber bist hingeworfen fern von deiner Grabstätte, wie ein verabscheuter Schössling, bedeckt mit Erschlagenen, vom Schwert Durchbohrten, die in eine mit Steinen bedeckte Grube hinabfahren, wie ein zertretenes Aas. | -- aber ---- ----------- fern --- ------ Grabstätte, --- --- verabscheuter ------------ ------- mit ------------- --- Schwert ------------- --- in ---- --- Steinen -------- ----- hinabfahren, --- --- zertretenes ---- | -- ---- bist ----------- ---- --- ------ Grabstätte, --- --- ------------- ------------ bedeckt --- ------------- --- ------- Durchbohrten, --- -- ---- --- Steinen -------- ----- ------------ --- ein ----------- ---- | Jesaja 14,19 |
20 | Jesaja 14,20 | Du wirst nicht mit jenen vereint werden im Grab, denn du hast dein Land zugrunde gerichtet, hast dein Volk erwürgt. Der Same der öœbeltäter wird in Ewigkeit nicht mehr erwähnt werden! †| -- wirst ----- --- jenen ------- ------ im ----- ---- du ---- ---- Land -------- ---------- hast ---- ---- erwürgt. --- ---- der ------------- ---- in -------- ----- mehr -------- ------- †| -- ----- nicht --- ----- ------- ------ im ----- ---- -- ---- dein ---- -------- ---------- ---- dein ---- --------- --- ---- der ------------- ---- -- -------- nicht ---- -------- ------- ----- | Jesaja 14,20 |
21 | Jesaja 14,21 | Richtet eine Schlachtbank her für seine Söhne, um der Missetat ihrer Väter willen, damit sie nicht wieder aufkommen und die Erde in Besitz nehmen und den Erdkreis voller Städte machen!« | ------- eine ------------ --- für ----- ------- um --- -------- ihrer ------ ------- damit --- ----- wieder --------- --- die ---- -- Besitz ------ --- den -------- ------ Städte --------- | ------- ---- Schlachtbank --- ---- ----- ------- um --- -------- ----- ------ willen, ----- --- ----- ------ aufkommen --- --- ---- -- Besitz ------ --- --- -------- voller ------- --------- | Jesaja 14,21 |
22 | Jesaja 14,22 | Ich will gegen sie aufstehen, spricht der HERR der Heerscharen, und von Babel ausrotten Namen und öœberrest, Spross und Schössling! spricht der HERR. | --- will ----- --- aufstehen, ------- --- HERR --- ------------ und --- ----- ausrotten ----- --- öœberrest, ------ --- Schössling! ------- --- HERR. | --- ---- gegen --- ---------- ------- --- HERR --- ------------ --- --- Babel --------- ----- --- ------------ Spross --- ------------ ------- --- HERR. | Jesaja 14,22 |
23 | Jesaja 14,23 | Und ich will es zum Besitztum der Igel machen und zu Wassersümpfen und will es wegfegen mit dem Besen des Verderbens! spricht der HERR der Heerscharen. | --- ich ---- -- zum --------- --- Igel ------ --- zu -------------- --- will -- -------- mit --- ----- des ----------- ------- der ---- --- Heerscharen. | --- --- will -- --- --------- --- Igel ------ --- -- -------------- und ---- -- -------- --- dem ----- --- ----------- ------- der ---- --- ------------ | Jesaja 14,23 |
24 | Jesaja 14,24 | Der HERR der Heerscharen hat geschworen und gesagt: Fürwahr, es soll geschehen, wie ich es mir vorgenommen habe, und es soll zustande kommen, wie ich es beschlossen habe: | --- HERR --- ----------- hat ---------- --- gesagt: --------- -- soll ---------- --- ich -- --- vorgenommen ----- --- es ---- -------- kommen, --- --- es ----------- ----- | --- ---- der ----------- --- ---------- --- gesagt: --------- -- ---- ---------- wie --- -- --- ----------- habe, --- -- ---- -------- kommen, --- --- -- ----------- habe: | Jesaja 14,24 |
25 | Jesaja 14,25 | Ich will den Assyrer zerschmettern in meinem Land, und ich will ihn zertreten auf meinen Bergen; so wird sein Joch von ihnen genommen werden und seine Last von ihren Schultern fallen. | --- will --- ------- zerschmettern -- ------ Land, --- --- will --- --------- auf ------ ------- so ---- ---- Joch --- ----- genommen ------ --- seine ---- --- ihren --------- ------- | --- ---- den ------- ------------- -- ------ Land, --- --- ---- --- zertreten --- ------ ------- -- wird ---- ---- --- ----- genommen ------ --- ----- ---- von ----- --------- ------- | Jesaja 14,25 |
26 | Jesaja 14,26 | Das ist der Ratschluss, der beschlossen ist über die ganze Erde, und dies ist die Hand, die ausgestreckt ist über alle Völker! | --- ist --- ----------- der ----------- --- über --- ----- Erde, --- ---- ist --- ----- die ------------ --- über ---- -------- | --- --- der ----------- --- ----------- --- über --- ----- ----- --- dies --- --- ----- --- ausgestreckt --- ----- ---- -------- | Jesaja 14,26 |
27 | Jesaja 14,27 | Denn der HERR der Heerscharen hat es beschlossen - wer will es vereiteln? Seine Hand ist ausgestreckt - wer will sie abwenden? | ---- der ---- --- Heerscharen --- -- beschlossen - --- will -- ---------- Seine ---- --- ausgestreckt - --- will --- --------- | ---- --- HERR --- ----------- --- -- beschlossen - --- ---- -- vereiteln? ----- ---- --- ------------ - --- ---- --- --------- | Jesaja 14,27 |
28 | Jesaja 14,28 | Im Todesjahr des Königs Ahas ist dieser Ausspruch ergangen: | -- Todesjahr --- ------- Ahas --- ------ Ausspruch --------- | -- --------- des ------- ---- --- ------ Ausspruch --------- | Jesaja 14,28 |
29 | Jesaja 14,29 | Freue dich nicht, ganz Philisterland, dass der Stock zerbrochen ist, der dich schlug! Denn aus der Wurzel der Schlange wird eine Natter hervorkommen, und deren Frucht wird ein fliegender, feuriger Drache sein. | ----- dich ------ ---- Philisterland, ---- --- Stock ---------- ---- der ---- ------- Denn --- --- Wurzel --- -------- wird ---- ------ hervorkommen, --- ----- Frucht ---- --- fliegender, -------- ------ sein. | ----- ---- nicht, ---- -------------- ---- --- Stock ---------- ---- --- ---- schlug! ---- --- --- ------ der -------- ---- ---- ------ hervorkommen, --- ----- ------ ---- ein ----------- -------- ------ ----- | Jesaja 14,29 |
30 | Jesaja 14,30 | Und die Erstgeborenen der Armen werden weiden und die Geringen sicher wohnen; aber deine Wurzel will ich durch Hunger töten, und deinen öœberrest wird er umbringen. | --- die ------------- --- Armen ------ ------ und --- -------- sicher ------- ---- deine ------ ---- ich ----- ------ töten, --- ------ öœberrest ---- -- umbringen. | --- --- Erstgeborenen --- ----- ------ ------ und --- -------- ------ ------- aber ----- ------ ---- --- durch ------ ------- --- ------ öœberrest ---- -- ---------- | Jesaja 14,30 |
31 | Jesaja 14,31 | Jammere, o Tor! Schreie, o Stadt! Verzage, ganz Philisterland! Denn von Norden kommt Rauch und eine lückenlose Schar! | -------- o ---- -------- o ------ -------- ganz -------------- ---- von ------ ----- Rauch --- ---- lückenlose ------ | -------- - Tor! -------- - ------ -------- ganz -------------- ---- --- ------ kommt ----- --- ---- ----------- Schar! | Jesaja 14,31 |
32 | Jesaja 14,32 | Was wird man den Boten des Heidenvolkes antworten? Dass der HERR Zions Grundmauern gelegt hat, und dort werden die Elenden seines Volkes Zuflucht finden. | --- wird --- --- Boten --- ------------ antworten? ---- --- HERR ----- ----------- gelegt ---- --- dort ------ --- Elenden ------ ------ Zuflucht ------- | --- ---- man --- ----- --- ------------ antworten? ---- --- ---- ----- Grundmauern ------ ---- --- ---- werden --- ------- ------ ------ Zuflucht ------- | Jesaja 14,32 |