Deutsch 18-Hiob 013(Schl2000)
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Listen
1 | Hiob 13,1 | Siehe, dies alles hat mein Auge gesehen, mein Ohr hat's gehört und sich gemerkt; | ------ dies ----- --- mein ---- -------- mein --- ----- gehört --- ---- gemerkt; | ------ ---- alles --- ---- ---- -------- mein --- ----- ------- --- sich -------- | Hiob 13,1 |
2 | Hiob 13,2 | was ihr wisst, weiß auch ich; ich stehe nicht hinter euch zurück. | --- ihr ------ ----- auch ---- --- stehe ----- ------ euch -------- | --- --- wisst, ----- ---- ---- --- stehe ----- ------ ---- -------- | Hiob 13,2 |
3 | Hiob 13,3 | Ich aber will nun zu dem Allmächtigen reden; mit Gott zu rechten begehre ich. | --- aber ---- --- zu --- ------------- reden; --- ---- zu ------- ------- ich. | --- ---- will --- -- --- ------------- reden; --- ---- -- ------- begehre ---- | Hiob 13,3 |
4 | Hiob 13,4 | Ihr hingegen streicht ja nur Lügenpflaster und seid nichts als Quacksalber, ihr alle! | --- hingegen -------- -- nur -------------- --- seid ------ --- Quacksalber, --- ----- | --- -------- streicht -- --- -------------- --- seid ------ --- ------------ --- alle! | Hiob 13,4 |
5 | Hiob 13,5 | O dass ihr doch schweigen könntet; das würde euch als Weisheit angerechnet! | - dass --- ---- schweigen --------- --- würde ---- --- Weisheit ------------ | - ---- ihr ---- --------- --------- --- würde ---- --- -------- ------------ | Hiob 13,5 |
6 | Hiob 13,6 | So hört nun meine Rechtfertigung, und achtet auf die Verteidigung meiner Lippen! | -- hört --- ----- Rechtfertigung, --- ------ auf --- ------------ meiner ------- | -- ----- nun ----- --------------- --- ------ auf --- ------------ ------ ------- | Hiob 13,6 |
7 | Hiob 13,7 | Wollt ihr Gott zuliebe Unrechtes reden und zu seinen Gunsten lügen? | ----- ihr ---- ------- Unrechtes ----- --- zu ------ ------- lügen? | ----- --- Gott ------- --------- ----- --- zu ------ ------- ------- | Hiob 13,7 |
8 | Hiob 13,8 | Wollt ihr seine Partei ergreifen oder Gottes Anwalt spielen? | ----- ihr ----- ------ ergreifen ---- ------ Anwalt -------- | ----- --- seine ------ --------- ---- ------ Anwalt -------- | Hiob 13,8 |
9 | Hiob 13,9 | Wäre es gut [für euch], wenn er euch erforschte? Könnt ihr ihn täuschen, wie man Menschen täuscht? | ----- es --- ----- euch], ---- -- euch ----------- ------ ihr --- ---------- wie --- -------- täuscht? | ----- -- gut ----- ------ ---- -- euch ----------- ------ --- --- täuschen, --- --- -------- --------- | Hiob 13,9 |
10 | Hiob 13,10 | Nein, strafen wird er euch, wenn ihr im Geheimen die Person anseht! | ----- strafen ---- -- euch, ---- --- im -------- --- Person ------- | ----- ------- wird -- ----- ---- --- im -------- --- ------ ------- | Hiob 13,10 |
11 | Hiob 13,11 | Wird nicht seine Majestät euch in Furcht versetzen und Schrecken vor ihm euch überfallen? | ---- nicht ----- --------- euch -- ------ versetzen --- --------- vor --- ---- überfallen? | ---- ----- seine --------- ---- -- ------ versetzen --- --------- --- --- euch ------------ | Hiob 13,11 |
12 | Hiob 13,12 | Eure Denksprüche sind Sprüche aus Asche, und eure Schutzwehren sind Schutzwehren aus Lehm. | ---- Denksprüche ---- -------- aus ------ --- eure ------------ ---- Schutzwehren --- ----- | ---- ------------ sind -------- --- ------ --- eure ------------ ---- ------------ --- Lehm. | Hiob 13,12 |
13 | Hiob 13,13 | Schweigt vor mir und lasst mich reden; es komme über mich, was will! | -------- vor --- --- lasst ---- ------ es ----- ----- mich, --- ----- | -------- --- mir --- ----- ---- ------ es ----- ----- ----- --- will! | Hiob 13,13 |
14 | Hiob 13,14 | Warum sollte ich mein Fleisch in meine Zähne nehmen und mein Leben in meine Hand legen? | ----- sollte --- ---- Fleisch -- ----- Zähne ------ --- mein ----- -- meine ---- ------ | ----- ------ ich ---- ------- -- ----- Zähne ------ --- ---- ----- in ----- ---- ------ | Hiob 13,14 |
15 | Hiob 13,15 | Siehe, er soll mich töten - ich will auf ihn warten; nur will ich meine Wege ihm ins Angesicht verteidigen! | ------ er ---- ---- töten - --- will --- --- warten; --- ---- ich ----- ---- ihm --- --------- verteidigen! | ------ -- soll ---- ------ - --- will --- --- ------- --- will --- ----- ---- --- ins --------- ------------ | Hiob 13,15 |
16 | Hiob 13,16 | Auch das schon wird mir zur Rettung dienen; denn kein Gottloser kommt vor sein Angesicht. | ---- das ----- ---- mir --- ------- dienen; ---- ---- Gottloser ----- --- sein ---------- | ---- --- schon ---- --- --- ------- dienen; ---- ---- --------- ----- vor ---- ---------- | Hiob 13,16 |
17 | Hiob 13,17 | Hört doch, hört auf meine Rede, und meine Erklärung dringe in eure Ohren! | ----- doch, ----- --- meine ----- --- meine ---------- ------ in ---- ------ | ----- ----- hört --- ----- ----- --- meine ---------- ------ -- ---- Ohren! | Hiob 13,17 |
18 | Hiob 13,18 | Gebt Acht, ich habe die Verteidigung vorgebracht; ich weiß, dass ich Recht bekommen werde. | ---- Acht, --- ---- die ------------ ------------ ich ------ ---- ich ----- -------- werde. | ---- ----- ich ---- --- ------------ ------------ ich ------ ---- --- ----- bekommen ------ | Hiob 13,18 |
19 | Hiob 13,19 | Wer ist es, der noch mit mir rechten will? Denn dann wollte ich verstummen und sterben. | --- ist --- --- noch --- --- rechten ----- ---- dann ------ --- verstummen --- -------- | --- --- es, --- ---- --- --- rechten ----- ---- ---- ------ ich ---------- --- -------- | Hiob 13,19 |
20 | Hiob 13,20 | Nur zweierlei tue mir nicht an, dann will ich mich vor deinem Angesicht nicht verbergen: | --- zweierlei --- --- nicht --- ---- will --- ---- vor ------ --------- nicht ---------- | --- --------- tue --- ----- --- ---- will --- ---- --- ------ Angesicht ----- ---------- | Hiob 13,20 |
21 | Hiob 13,21 | Tue deine Hand von mir und ängstige mich nicht mit deinem Schrecken! | --- deine ---- --- mir --- --------- mich ----- --- deinem ---------- | --- ----- Hand --- --- --- --------- mich ----- --- ------ ---------- | Hiob 13,21 |
22 | Hiob 13,22 | Dann rufe du, und ich will antworten, oder ich will reden, und du erwidere mir! | ---- rufe --- --- ich ---- ---------- oder --- ---- reden, --- -- erwidere ---- | ---- ---- du, --- --- ---- ---------- oder --- ---- ------ --- du -------- ---- | Hiob 13,22 |
23 | Hiob 13,23 | Wie viele Sünden und Vergehen habe ich? Lass mich meine öœbertretungen und Missetaten wissen! | --- viele ------- --- Vergehen ---- ---- Lass ---- ----- öœbertretungen --- ---------- wissen! | --- ----- Sünden --- -------- ---- ---- Lass ---- ----- ---------------- --- Missetaten ------- | Hiob 13,23 |
24 | Hiob 13,24 | Warum verbirgst du dein Angesicht und hältst mich für deinen Feind? | ----- verbirgst -- ---- Angesicht --- ------- mich ---- ------ Feind? | ----- --------- du ---- --------- --- ------- mich ---- ------ ------ | Hiob 13,24 |
25 | Hiob 13,25 | Verscheuchst du ein verwehtes Blatt und verfolgst einen dürren Halm? | ------------ du --- --------- Blatt --- --------- einen ------- ----- | ------------ -- ein --------- ----- --- --------- einen ------- ----- | Hiob 13,25 |
26 | Hiob 13,26 | Denn du verschreibst mir Bitteres und lässt mich erben die Sünden meiner Jugend; | ---- du ------------ --- Bitteres --- ------ mich ----- --- Sünden ------ ------- | ---- -- verschreibst --- -------- --- ------ mich ----- --- ------- ------ Jugend; | Hiob 13,26 |
27 | Hiob 13,27 | du legst meine Füße in den Stock und lauerst auf alle meine Schritte und zeichnest dir meine Fußspuren auf, | -- legst ----- ------ in --- ----- und ------- --- alle ----- -------- und --------- --- meine ---------- ---- | -- ----- meine ------ -- --- ----- und ------- --- ---- ----- Schritte --- --------- --- ----- Fußspuren ---- | Hiob 13,27 |
28 | Hiob 13,28 | da ich doch wie Moder vergehe, wie ein Kleid, das die Motten fressen! | -- ich ---- --- Moder -------- --- ein ------ --- die ------ -------- | -- --- doch --- ----- -------- --- ein ------ --- --- ------ fressen! | Hiob 13,28 |